साहिबाबाद। टीलामोड़ के असालतपुर निवासी गयूर अली को 17 साल पहले चोरी हुई हथिनी गोइनी की रिकवरी और मामले की जांच के लिए 29 सितंबर को पुलिस टीम का गठन किया गया है। हथिनी चोरी का मुकदमा कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 27 सितंबर को दर्ज किया था। हथिनी को खोजकर उसे रिकवर करना पुलिस के लिए चुनौती पूर्ण कार्य होगा। वहीं टीएचए में इस तरह का यह पहला मामला है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बना हुआ है।
गयूर अली ने साल 2000 में बिहार के सोनपुर हाथी सार के मेले से 2.50 लाख रुपये में हथिनी खरीदी थी। एक जनवरी 2008 को उनकी हथिनी चोरी हो गई थी। उन्होंने इसके बाद पुलिस से मदद मांगी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उन्होंने खुद तलाश शुरू की और यूट्यूब वीडियो की मदद से जम्मू-कश्मीर में हथिनी को ढूंढ निकाला। पुलिस को साक्ष्य देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने छह अक्तूबर 2022 को कोर्ट में अपील कर न्याय की गुहार लगाई। हालांकि निचली अदालत ने अपील को खारिज कर दिया। तब पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रहे अधिवक्ता दिलशाद चौधरी ने सत्र न्यायालय में याचिका लगाई और सुनवाई के बाद न्यायालय के निर्देश पर निचली अदालत ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। तब कहीं जाकर 27 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के नरवाल मंडी निवासी लक्ष्मण और लक्की के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज हुआ। प्रभारी एसीपी शालीमार गार्डन अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित के दिए साक्ष्यों की जांच विवेचक कर रहे हैं। एक टीम बनाई गई है जो मामले की जांच कर रही है। तथ्यों के आधार पर हथिनी का पता लगाकर उसकी रिकवरी या अन्य कार्रवाई की जाएंगी।