बता दें कि सदर सराफा स्थित महबूब छिलाई वाला आभूषणों पर छिलाई का कार्य करने वाला ठेकेदार है, जो कोलकाता गया हुआ था। उसके पीछे उसका बेटा काम को संभाल रहा था। कारीगर ना होने की वजह से अमीन ने कहीं और से एक या दो कारीगर काम कर रखे। जिन्हें रविवार 13 जनवरी की रात को मनोज वर्मा ने छीलाई के लिए 1 किलो सोने के आभूषण दिए। साथ ही विवेक जैन ने करीब 1 किलो से अधिक सोने के आभूषण छिलाई के लिए दिए। सोना लेकर फरार
आज सोमवार सुबह महबूब ने इन दोनों को फोन कर जानकारी दी मेरे बेटे अमीन को मारपीट कर, वह जो टेंपरेरी रूप से छिलाई के कारीगर बुलाए थे, वह सोना लेकर फरार हो गए। फिलहाल इस मामले में मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजयआनन्द अग्रवाल ने एसपी सिटी आयुष सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी है। मामले में सीओ कैंट आदित्य बंसल जांच कर रहे हैं।