• Mon. May 13th, 2024

UP : 150 से अधिक गौवंशीय पशुओं का सहारा बने हुए हैं मुरादाबाद के दीपक वार्ष्णेय,एक बेसहारा घायल गाय की सेवा कर शुरू किया था ये सफर…

Deepak Varshney, Social WorkerDeepak Varshney, Social Worker

Report By : Prashant Sharma ,Moradabad (UP)

Moradabad : मुरादाबाद जनपद के रहने वाले समाज सेवी दीपक वार्ष्णेय ने कभी एक घायल बेसहारा गाय का इलाज करा कर उसे सहारा दिया था और आज वह डेढ़ सौ से अधिक गौवंशीय पशुओं का सहारा बने हुए हैं। मुरादाबाद के दीपक वार्ष्णेय श्री भगवती गौ पुनर्वास आश्रम को संचालित कर रहे हैं और वहां पर गौ माता और गौवंशीय पशुओं का पालन पोषण करते हैं। वह जहां भी बेसहारा हालत में घायल गोवंशीय पशुओं को देखते हैं उनका उपचार करते हैं और उन्हें अपने गौ पुनर्वास आश्रम में ले जाकर उनकी सेवा करते हैं।
समाजसेवी दीपक वार्ष्णेय ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने 8 नवंबर वर्ष 2016 में इस गौशाला की स्थापना की थी, उन्होंने कहा कि गौशाला की स्थापना को लेकर हमारा उद्देश्य तो कोई नहीं था, लाइनपार इलाके में माता मंदिर के नजदीक एक गाय दुर्घटनाग्रस्त अवस्था में पड़ी थी, हमारे मित्रों द्वारा मुझे सूचना दी गई की एक गाय दो दिन से घायल अवस्था मे में बेसहारा पड़ी हुई है, उसे कोई देखने वाला नहीं है, तो मैंने कई जगह संपर्क किया मगर उस गाय को कोई पालने वाला नहीं मिला, मैं उस गाय को यहां पर उठा लाया और उसका इलाज कराया, बस वहां से वह शुरुआत थी और उसके बाद फिर ऐसा लगा कि जो भी दुर्घटनाग्रस्त गौ माता है ।

गौवंशीय पशु हैं जिन्हें लोग आवारा अवस्था में छोड़ देते हैं घायल हालत में छोड़ देते हैं, उन्हें हम अपने आश्रम में लाते रहे उनका इलाज कराया और जैसे-जैसे हमें सूचनाओं मिलती रही हम नालों से भी निकालकर गोवंशीय पशुओं को लेकर आये उनका उपचार कराया और हम अपने इस गौ पुनर्वास आश्रम में बेसहारा गौवंशीय पशुओं और गौ माता को लाकर उनकी सेवा करते हैं, और आज लगभग 8 वर्ष होने जा रहे हैं हमारे पास यहां पर डेढ़ सौ से अधिक गोवंश हो चुके हैं और यह सभी गौवंश यहां पर घायल अवस्था में ही लाए गए थे, हमने कोई भी गाय खरीदी नहीं है, हम गाय खरीदते नहीं हैं, यह सभी गाय हम घायल हालत में बेसहारा हालत में पड़ी हुई थी उन्हें उठाकर लाए हैं, उनका इलाज कराया और आज यह सब दूध भी दे रही हैं स्वस्थ होकर दूध भी दे रही हैं।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *