Report By-Sachin Upadhayay Kasganj(UP)
यूपी के कासगंज तीर्थ नगरी सोरोंजी का शिवराज पशु 100 वर्षो लग रहा है ऐसे में पशु व्यापारी दूर दराज़ से पशुओं को खरीदने के लिए आते है। मेले मेंपांच सौ से ज्यादा घोड़ा घोड़ी पहुंचे।पंजाब हरियाणा गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश आदि प्रति से पशु खरीदने के लिए आते हैं व्यापारी। जनपद के तीर्थ नगरी सोरोंजी का वार्षिक शिवराज पशु मेला 14 दिसंबर से शुरू होगा/ मेले में पशु व्यापारी अपनी घोड़ा घोड़ी लेकर पहुंचने लगे हैं/ अब तक 500 से अधिक घोड़ा ,घोड़ी मेले में पहुंच चुके हैं।
इस मेले में प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, गुजरात,महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि प्रांतों के दर्जनो और व्यापारी पशुओं की खरीद प्रयुक्त करने के लिए यहां पहुंच चुके हैं। 1919 से शुरू हुए इस मेले का इस वर्ष 104 वा आयोजन होगा। मेला प्रबंधक मुकुल मानसिंह ने बताया कि राजा शिवराज सिंह ने इस मेले की शुरुआत की थी। तब से लगातार यह मेला सोरों लहरा रोड स्थित नुमाइश ग्राउंड में लगता चला आ रहा है। एक से एक अच्छी नस्ल की घोड़ा घोड़ी बिक्री के लिए आते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग यहां घोड़ा खरीदने के लिए लोग आते हैं। बताया जाता है कि सैन्य और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सप्लायर भी अच्छी नस्ल के घोड़े की तलाश और खरीद के लिए यहां पहुंचते है। मेला प्रबंधन समिति की तरफ से मेले में आने वाले व्यापारियों के रहने बिजली पानी बिस्तर आदि की निशुल्क व्यवस्था की गई है। मेले में सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा अस्थाई पुलिस चौकी का प्रबंध किया गया है। मार्कशीर्ष 26 दिसंबर तक इस मेले का आयोजन किया जाएगा।*लंपी और कोविड में प्रभावित हुआ था मेला* बीते वर्ष उत्तर प्रदेश में लंपी वायरस का प्रकोप प्रदेश में था। जिसके चलते इस मेले पर प्रतिबंध लगाया गया था। इससे पहले कोविड के दौरान भी मेरे को स्थगित किया गया था कुछ दिन पहले ही प्रतिबंध हटा ।*मेले में पहले ऊंट भी आते थे* तीर्थ नगरी सोरोंजी का राजस्थान से विशेष जुड़ाव है ।राजस्थान के लोग यहां गंगा स्नान के लिए आते हैं ।एक दशक पहले तक बड़ी संख्या में राजस्थान से लोग ऊंट बिक्री के लिए लेकर आते थे। लेकिन धीरे-धीरे ऊंट की बिक्री मेले में बंद हो गई। इसके चलते बीते तीन-चार सालों में मेले में ऊंट का आना बिल्कुल ही बंद हो गया।।