Report By-Afsar Ali Amroha (UP)
उत्तर प्रदेश के अमरोहा निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की प्रेस वार्ता कहा कि केरल के पुलिस प्रशासन को खुले मन से काम करने नहीं दिया जाता हमने 15 साल पहले कह दिया था कश्मीर में कोई कंफ्यूजन नहीं है वहां सब कुछ ठीक है लोगों के मन मैं भ्रांति पैदा की जाती थी कश्मीर विवादित मामला है सब्री वाले मंदिर में मासूम की मौत पर कहां की वहां अक्सर इन दिनों में भीड़ बढ़ जाती है लेकिन मुझे पूरा दुख है कि वहां ऐसा हुआ है।
आपको बता दे की अमरोहा की तहसील नोगावा मैं एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मासूम की मौत पर कहा कि सब्री वाला मंदिर में कभी कभी बदइंतेजामी हो जाती है यह अकेला राज्य है पूरे हिंदुस्तान में जहां वहां की पुलिस को वहां के होम डिस्ट्रिक्ट में तैनात किया गया है कहीं पर वध इंतजामी होती है तो वहां के नेताओं को सवाल उठना भी चाहिए केरल में यूनियनों की जिस तरह संस्कृति बन गई है दूसरी सरकार भी आती है तो वह भी कुछ नहीं कर पाती है
उन्होंने कहा कि यह लोग उच्चतम न्यायालय के खिलाफ तो कुछ बोल नहीं सकते इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है , और सेंट्रल गवर्नमेंट के कार्यालय के आगे जानबूझकर प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि फैसला उच्चतर न्यायालय का है और वह जबरदस्ती इसमें हमें टारगेट कर रहे हैं, एस एफ आई के द्वारा विरोध किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं खुद स्टूडेंट यूनियन का नेता रहा हूं और स्टूडेंट राजनीतिक प्रदर्शन नहीं करते लेकिन अपनी-अपनी हर किसी के अलग-अलग राय होती है , कांग्रेस नेता शशि थरूर के द्वारा उनके ऊपर बोले गए जुबानी हमले को लेकर उन्होंने कहा की वह राजनीतिज्ञ हैं उनको यह बात कहना बिल्कुल उचित है उन्होंने कहा कि लेकिन जो पुलिस है उसका तो काम करने का स्टाइल ठीक है लेकिन उनकी मजबूरी होती है कि वह अपने बॉस के सुनते हैं होम मिनिस्टर और चीफ मिनिस्टर की सुनना उनकी मजबूरी है विचारों इशारों में उन्होंने केरल की मौजूदा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जब पुलिस वालों को काम ना करने दिया जाए , तो शशि थरूर ऐसे में बिल्कुल ठीक बोल रहे हैं लेकिन पुलिस इसमें बिल्कुल भी गलत नहीं है ।। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर के मामले पर पूछे गए सवाल पर कश्मीर के मामले में अपनी बेबाक राय रखी और पुराने दिनों की यादें ताजा की उन्होंने कहा कि मेरा जो बयान था और मेरी जो राय थी वह आज भी यूट्यूब पर अपलोड है और मैं इस मामले में सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि कश्मीर की आवाम भी भारत देश के साथी लेकिन कुछ लोग थे जो कश्मिरयों को भड़काने का काम करते थे लेकिन 90 के दशक में वह भी अपने घरों में छिपने को मजबूर हो गए थे।