Report By : ICN Network
गौतमबुद्धनगर के बाद अब यमुना प्राधिकरण (YEIDA) मथुरा, आगरा और बुलंदशहर जिलों में भी अपने विस्तार की तैयारी में जुट गया है। यहां हेरीटेज सिटी, न्यू अर्बन आगरा सेंटर और अंतरराष्ट्रीय निवेश परियोजनाओं को आकार देने के लिए प्राधिकरण किसानों से सीधे जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
YEIDA का कार्यक्षेत्र छह जिलों में फैला हुआ है, जिसमें गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, अलीगढ़ और हाथरस शामिल हैं। अब तक केवल गौतमबुद्धनगर जिले में विकास कार्य प्राथमिकता पर थे, लेकिन अब प्राधिकरण ने फेज-2 के अंतर्गत मथुरा और आगरा को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल कर लिया है। अधिसूचित क्षेत्रों में किसी भी तरह की अवैध खरीद-फरोख्त को रोकने और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जमीन सीधे किसानों से खरीदी जाएगी। इस दिशा में किसानों से सहमति लेने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
भूमि अधिग्रहण की पारंपरिक प्रक्रिया में देरी को देखते हुए प्राधिकरण ने सीधी खरीद का विकल्प चुना है, जिससे परियोजनाओं को जल्दी ज़मीन पर उतारा जा सके। वर्ष 2024 में शासन द्वारा बुलंदशहर के 55 गांव YEIDA मास्टर प्लान 2041 में शामिल किए गए थे। इन गांवों में जापानी सिटी और कोरियन सिटी जैसी अंतरराष्ट्रीय थीम पर आधारित सेक्टर 4A और 5A विकसित किए जाएंगे।
अब प्राधिकरण ने इन गांवों के किसानों के लिए मुआवजा दर भी तय कर दी है — ₹4300 प्रति वर्गमीटर और 7% आबादी भूखंड के साथ ₹3800 प्रति वर्गमीटर की दर पर ज़मीन की खरीद की जाएगी। इससे ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को गति मिलेगी।
इस बीच YEIDA ने मथुरा में अपना क्षेत्रीय कार्यालय भी शुरू कर दिया है। गीता शोध संस्थान में खोले गए इस कार्यालय का उद्घाटन CEO डॉ. अरुणवीर सिंह ने किया। उन्होंने हेरीटेज सिटी और अर्बन नोड जैसे प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि इससे मथुरा क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने गीता शोध संस्थान को सांस्कृतिक कला संवर्धन हेतु प्राधिकरण की ओर से 5 लाख रुपये अनुदान देने की भी घोषणा की।