Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने पदभार ग्रहण करते ही यह स्पष्ट कर दिया कि अब पुलिस महकमे में निष्क्रियता या लापरवाही की कोई जगह नहीं होगी। लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में कार्यभार संभालते ही उन्होंने प्रदेश के तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए, जो न केवल सख्त हैं, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
राजीव कृष्ण ने यह कहा कि उनकी प्राथमिकता कानून व्यवस्था को मजबूती देना, पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशील बनाना और अपराध पर नियंत्रण पाना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब थानों की स्थिति की नियमित निगरानी होगी और जनता की शिकायतों को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि कहीं से यह पता चला कि पीड़ितों की बात नहीं सुनी जा रही या किसी तरह की टालमटोल हो रही है, तो जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने थानों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी कि यदि उनके कार्य में लापरवाही या भ्रष्टाचार की कोई शिकायत सामने आती है, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। राजीव कृष्ण ने कहा कि अब थानों में हर पीड़ित की बात गंभीरता से सुनी जाएगी और समय से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रदेश के हर कोने में पुलिस की उपस्थिति को प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए ताकि अपराधियों में डर और आमजन में विश्वास पैदा हो।
राजीव कृष्ण ने पुलिस बल को यह भी निर्देशित किया कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। उन्होंने शराब माफिया, भूमाफिया और अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया और स्पष्ट किया कि अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलेगा।
उनका जोर इस बात पर भी था कि पुलिस को समाज और मीडिया के साथ समन्वय बनाकर काम करना चाहिए ताकि पुलिसिंग व्यवस्था में पारदर्शिता और भरोसे की भावना बढ़े। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने, प्रशिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने और आंतरिक कार्य संस्कृति में सुधार लाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
राजीव कृष्ण की यह शैली और प्राथमिकताएं साफ दर्शाती हैं कि अब प्रदेश में पुलिस प्रशासन का रवैया पूरी तरह से जवाबदेही और जनहित की ओर मोड़ने की कोशिश हो रही है। उनका यह एक्शन मोड आने वाले समय में पुलिस विभाग में व्यापक बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है।