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Veterinary Pharmacist: उत्तर प्रदेश में वेटरनरी फार्मासिस्ट बनने को डिप्लोमा अनिवार्य, बदले गए कई नियम, जानें अब क्या करना होगा

Report By : ICN Network

उत्तर प्रदेश सरकार ने पशु चिकित्सालयों में कार्यरत वेटरनरी फार्मासिस्ट के लिए सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद शुक्रवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। नए नियमों के तहत अब वेटरनरी फार्मासिस्ट बनने के लिए दो साल तीन माह का डिप्लोमा अनिवार्य कर दिया गया है। पहले इस पद के लिए इंटर पास उम्मीदवारों की भर्ती होती थी और उन्हें प्रशिक्षण देकर कार्य कराया जाता था, लेकिन अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।

नई नियमावली के अनुसार, इस पद के लिए अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थी की आयु सीमा 18 से 40 वर्ष के बीच रखी गई है। इसके अलावा प्रादेशिक सेना में न्यूनतम दो वर्ष तक सेवा देने वाले या राष्ट्रीय कैडेट कोर का ‘बी’ प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी, बशर्ते वे अन्य सभी योग्यताओं को भी पूरा करते हों। वहीं, केंद्र या राज्य सरकार, किसी निगम, निकाय या स्थानीय प्राधिकरण से बर्खास्त व्यक्ति इस पद के लिए अपात्र माने जाएंगे। नियुक्ति के बाद वेटरनरी फार्मासिस्ट को सेवा के दौरान तीन बार पदोन्नति मिलने का प्रावधान भी नियमावली में शामिल किया गया है।

मिशन कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर योग से संबंधित वीडियो प्रशिक्षण के लिए पहले 4 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 11 जुलाई कर दिया गया है। समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार इस प्रशिक्षण में योग प्राणायाम, योग अभ्यास, पंचकोष, योग ब्रेक जैसे कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। इस प्रशिक्षण में भाग लेकर सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत स्थापित इकाइयों के थर्ड पार्टी निरीक्षण में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति द्वारा 104 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों को थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। ये संस्थाएं संबंधित इकाइयों के प्रोमोटर से संपर्क कर स्थलीय सर्वेक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण करेंगी और समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।

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Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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