राम कदम और संजय राउत
India-Pak Match Controversy: 14 सितंबर को अबू धाबी में एशिया कप 2025 के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। उद्धव ठाकरे गुट के धुरंधर सांसद संजय राउत ने इस मैच का पुरजोर विरोध जताते हुए इसे ‘देशद्रोह’ और ‘निरंवयता’ का प्रतीक बता दिया। राउत के इस बयान ने बीजेपी को उकसा दिया, जिसने तुरंत जोरदार जवाबी हमला बोला और राउत पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप ठोका। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर की यादें अभी ताजा हैं, और इसी बीच क्रिकेट मैच का आयोजन सियासत को नई ऊंचाई पर पहुंचा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मैच पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी, लेकिन राजनीतिक बहस थमने का नाम नहीं ले रही।
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार, 11 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए हंगामा मचा दिया। उन्होंने लिखा, “पहलगाम हमले में 26 मां-बहनों का सिंदूर मिटा, उनका आक्रोश अभी थमा नहीं। ऑपरेशन सिंदूर, जो आतंकी पाकिस्तान को तोड़ने के लिए शुरू हुआ, अभी खत्म नहीं हुआ। फिर भी अबू धाबी में भारत-पाक क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। 14 सितंबर को बीजेपी मंत्रियों के बच्चे इसे देखने जरूर जाएंगे। यह सीधा देशद्रोह है।” राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सवाल उठाए कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे?’ उन्होंने पार्टी की महिला शाखा द्वारा ‘सिंदूर रक्षा अभियान’ शुरू करने की घोषणा की, जिसमें महिलाएं सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराएंगी। राउत का यह बयान न केवल मैच को लेकर है, बल्कि पहलगाम हमले में शहीदों के अपमान का मुद्दा उठाता है, जहां 26 निर्दोषों की जान गई थी।
बीजेपी का करारा पलटवार: राम कदम ने राउत को घेरा, खेल मंत्रालय के फैसले का हवाला
संजय राउत के बयान पर बीजेपी ने तुरंत मोर्चा खोल दिया। पार्टी के विधायक राम कदम ने मीडिया से बातचीत में राउत को आड़े हाथों लिया और कहा, “भारत के खेल मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम उन खेलों में हिस्सा लेंगे जहां मल्टीनेशनल प्रतियोगिताएं हो रही हैं। पाकिस्तान अकेला नहीं खेल रहा, कई देश शामिल हैं।” कदम ने आगे जोड़ा, “हमारी दुश्मनी पाकिस्तान से है, लेकिन वन-टू-वन मैच नहीं हो रहा। जब कई देश खेल रहे हैं और पाकिस्तान से सामना हो जाता है, तो खेलना ही पड़ेगा। हम पाकिस्तान के चलते अन्य देशों से रिश्ते नहीं तोड़ेंगे।” यह बयान भारत सरकार की नीति को रेखांकित करता है, जहां एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में भागीदारी को राष्ट्रीय हित से जोड़ा गया है। कदम ने साफ कहा कि राउत का विरोध राजनीतिक स्टंट है, जो जनभावनाओं से खिलवाड़ करता है।
उद्धव ठाकरे पर निशाना: ‘जावेद मियांदाद को बिरयानी खिलाने वाले को नैतिक अधिकार कहां?’
राम कदम ने संजय राउत के साथ-साथ उद्धव ठाकरे को भी निशाने पर लिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “इस सीधी-सादी बात क्या उद्धव ठाकरे नहीं समझते? जो खुद के घर में जावेद मियांदाद को बुलाकर बिरयानी खिलाते हैं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठाने वाले उद्धव को इस मुद्दे पर बोलने का नैतिक अधिकार ही क्या है?” कदम का यह बयान पुरानी घटनाओं का जिक्र करता है, जहां उद्धव ठाकरे पर पाकिस्तानी क्रिकेटरों से नजदीकी के आरोप लगे थे। यह पलटवार शिवसेना (यूबीटी) की विश्वसनीयता पर सीधी चोट है, जो बीजेपी की रणनीति का हिस्सा लगता है। कदम ने राउत को ‘दोहरे चरित्र’ का धनी बताते हुए कहा कि वे खुद क्रिकेट मैचों का विरोध भूल गए हैं, जब उनकी पार्टी सत्ता में थी।
मैदान पर भी सबक सिखाने का ऐलान: ‘पाकिस्तान को तीन बार धूल चटाई, क्रिकेट में भी हारेंगे’
बीजेपी विधायक राम कदम ने पाकिस्तान को दुश्मन देश बताते हुए कहा, “पाकिस्तान हमारा दुश्मन है और रहेगा। हमने उनके घर में घुसकर तीन बार सबक सिखाया है, जरूरत पड़ी तो और भी सिखाएंगे।” उन्होंने भारतीय टीम को शुभकामनाएं देते हुए जोड़ा, “ऑपरेशन सिंदूर की तरह ही क्रिकेट के मैदान में भी पाकिस्तान को धूल चटाएंगे। सारे देशवासी मिलकर टीम का हौसला बढ़ाएंगे।” कदम का यह बयान न केवल सैन्य कार्रवाइयों का जिक्र करता है, बल्कि क्रिकेट को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ता है। एशिया कप में यह मैच पहलगाम हमले के बाद पहला भारत-पाक मुकाबला होगा, जो दुबई में खेला जाएगा। बीजेपी ने साफ किया कि टूर्नामेंट में भागीदारी राष्ट्रीय हित में है, और विरोध करने वाले विपक्षी नेता अपनी राजनीति चला रहे हैं।
सियासी रंगमंच पर नया अध्याय: विरोध प्रदर्शन से लेकर कोर्ट तक की जंग
यह विवाद एशिया कप 2025 को राजनीतिक रंग दे रहा है, जहां भारत-पाक मैच न केवल क्रिकेट का रोमांच लाएगा, बल्कि सियासी बहस को भी हवा देगा। संजय राउत का ‘सिंदूर रक्षा अभियान’ महिलाओं को सड़कों पर उतारने की कोशिश है, जबकि बीजेपी इसे ‘वोटबैंक की राजनीति’ बता रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मैच पर स्टे देने से इनकार कर दिया, लेकिन विपक्षी दलों जैसे एनसीपी (एससीपी) की सुप्रिया सुले ने भी सरकार के ‘दोहरे मानदंड’ पर सवाल उठाए। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाएगा, जहां क्रिकेट और देशभक्ति के बीच की लाइन धुंधली हो रही है। राम कदम जैसे नेताओं के बयान से साफ है कि बीजेपी मैच को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा करने को तैयार है।