बी-1 और बी-2 बेसमेंट, आईसीयू और पहली मंज़िल की छतों और पिलर्स से लगातार पानी रिसने की शिकायतें मिलती रहीं। निर्माण के दौरान कई जगह पाइप फिटिंग में खामियां रह गईं, जिससे लीकेज की समस्या लगातार बढ़ती गई। फाल्स सीलिंग और दीवारें भी कमजोर
कुछ महीने पहले निदेशक कार्यालय की फाल्स सीलिंग गिर गई थी। तीमारदारों के कमरों की सीलिंग भी जर्जर है और कहीं भी पानी टपकने लगता है। यहां तक कि बच्चों की सर्जरी वाला ऑपरेशन थिएटर भी बंद करना पड़ा। लगातार बिगड़ते हालात के बाद IIT रुड़की से संरचनात्मक ऑडिट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर शासन से बजट मांगा गया। हॉस्पिटल की सालाना मेंटेनेंस लागत 40 करोड़ रुपये तक होने का अनुमान है। निदेशक प्रो. डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि IIT रुड़की की रिपोर्ट के बाद भेजा गया मेंटेनेंस प्रस्ताव आखिरकार शासन ने लगभग 27 करोड़ रुपये में मंजूर कर दिया है।
राजकीय निर्माण निगम को पत्र मिलते ही मरम्मत और मेंटेनेंस कार्य शुरू कराए जाएंगे।

