Report By-Fazil Khan Lucknow(UP)
यूपी की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर एक ऐसा इस्माईल अंसारी नाम का मज़दूर जो पिछले कई सालों से ठेली चलाकर अपना व परिवार का पालन पोषण कर रहा है तो वही सड़को पर कई कई किलोमीटर पैदल घूम कर लोगो को इंसानियत का पैग़ाम देने का काम कर रहे है।जहां एक तरफ पूरी दुनिया एक दूसरे की दुश्मन बनी हुई है। एक देश दूसरे देश का दुश्मन बना हुआ है। किसी न किसी बहाने जात,धर्म,भेद,रंग पर एक दूसरे से युद्ध कर रहे हैं। लेकिन हिंदुस्तान एक प्रेम भाव का देश माना जाता रहा है। और यहां पर तरह-तरह के लोग निवास करते हैं गोरे भी काले भी हिंदू भी मुस्लिम भी सिख भी ईसाई भी और हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का देश भी माना जाता है।
लेकिन कुछ ऐसे लोग भी देश में मौजूद हैं जो, इंसान को इंसान से जाति,धर्म, भेद के नाम पर लड़वाने की लगातार कोशिश किया करते हैं। उनका मकसद सिर्फ अपने मकसद को पूरा करना होता है। अपने फायदे के लिए इंसान को जाति धर्म के नाम पर लड़वाना आम बात हो गई है। लेकिन उसके बावजूद भी बहुत से ऐसे लोग है जो, आज भी हिंदुस्तान को जोड़ने के लिए जी जान से लगे हुए हैं। वही पुराना हिंदुस्तान जहा सब लोग मिलजुल कर रहे थे। बनाने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसा ही एक शख्स जो राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। जिनका पेशा रिक्शा और ठिलिया चला कर मजदूरी करना है। ये शक्स दिनभर मजदूरी करता है शाम को अपने बच्चों का पेट भरता है लेकिन उसके बावजूद भी दुनिया को लड़ाई झगड़े से दूर के लिए करने के लिए और एक दूसरे से मिलकर रहने के लिए पिछले 10 वर्षों से हफ्ते में एक बार या 15 दिन में एक बार पैदल 10,12 किलोमीटर चलकर हाथों में बैनर पोस्टर लिए लोगों को इंसानियत का पैगाम देता चला रहा है। पुराने लखनऊ मौजजम के रहने वाले इस्माइल अंसारी जो की रिक्शा चला कर अपना गुजर बसर करते हैं किराए के मकान में रहते हैं लेकिन उसके बावजूद भी उनके हौसले नहीं टूटे। और इस नफरतों की राजनीति के बीच में लगातार लोगों को इंसानियत का पैगाम देते नजर आते हैं। हमारे लखनऊ संवाददाता फाजिल खान ने जब उन्हें लखनऊ के घंटाघर पर इंसानियत का पैगाम देते हुए देखा तो, उनसे कुछ बातें जानने की कोशिश करी उन्होंने क्या कुछ कहा क्यों करते हैं यह काम आइये आपको दिखाते हैं। तमाम लोग उनकी सराहना करते हैं। बहुत से लोग पागल, दीवाना समझते हैं लेकिन हकीकत में जो सच बोलता है उसे पागल और दीवाना ही समझा जाता है। जो लोगों को सही राह दिखाता है उसे बहुत से लोग पागल ही समझते हैं। फिलहाल इन सब टीका टिप्पणियों से दूर इस्माइल अंसारी लोगों को इंसानियत का पैगाम लगातार देते चले आ रहे हैं।