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गौतमबुद्धनगर: खेतों में पराली जलाई तो फिर एनजीटी के आदेश के पर उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई होगी

जिला प्रशासन ने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की है। कहा है कि किसान जलाने की जगह पराली को गलाकर खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। चेतावनी दी है कि अगर किसी ने खेतों में पराली जलाई तो फिर एनजीटी के आदेश के तहत उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनको सरकार की योजनाओं का भी लाभ नहीं दिया जाएगा।

सर्दी शुरू होने के साथ ही एनसीआर की हवा प्रदूषित होने लगती है। इसका एक कारण किसानों के खेतों में पराली जलाना भी है। एनजीटी ने पराली जलाने पर रोक लगा रखी है। इस बार प्रशासन ने वायु प्रदूषण बढ़ने से पहले ही किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की है। उप कृषि निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि धान की कटाई शुरू हो चुकी है। धान के बाद गेहूं की फसल की बुआई शुरू हो जाएगी। ऐसे में किसान खेतों में पराली जला सकते है। जिससे वातावरण प्रदूषित हो सकता है। साथ ही फसल के मित्र कीट भी नष्ट हो रहे है। इसका मनुष्य, पशु, पक्षियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने वालों पर 2500 से 15000 रुपये तक जुर्माना लग सकता है।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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