डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, जनवरी, 2014 से दिसंबर, 2022 के बीच 15 लाख से ज्यादा मामलों में 4,128 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
इसमें डेबिट, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के मामले शामिल हैं। हालांकि, कुछ मामलों की बाद में बैंकों ने जानकारी दी, इसलिए अलग-अलग साल में मामले बदलते भी गए हैं। 2014-15 में कुल 42 मामलों में 2.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
धोखाधड़ी को रोकने के लिए कम से कम 16 सर्कुलर या बैंकों को सलाह देकर कई उपाय किए हैं। इसमें उन्हें इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। – आरबीआई
आंकड़े बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड से सबसे ज्यादा धोखाधड़ी हो रही है। इसके बाद डेबिट कार्ड और अन्य साधनों के जरिये लोगों को ठगा जाता है।
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