Labour Day 2025 : आज 1 मई है यानी मजदूरों का दिन, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। संगठित क्षेत्र के मजदूरों के सम्मान में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है। शेयर बाजार और बैंक भी बंद रहते हैं। लेकिन भारत के मजदूरों की एक बड़ी आबादी, जो असंगठित क्षेत्र में काम करती है, इस दिन को शायद ही जानती हो या मना पाती हो। Labour Day 2025 : असंगठित क्षेत्र में सबसे अधिक मजदूर कृषि से जुड़े
भारत में अधिकांश मजदूर संगठित क्षेत्र के बजाय असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिनमें दिहाड़ी मजदूर, खेतों में काम करने वाले, घरेलू सहायिका, निर्माण श्रमिक, बढ़ई, राजमिस्त्री, पेंटर आदि शामिल हैं। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के अनुसार, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों में से सबसे बड़ी संख्या कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है। एक दौर था जब देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 70% थी। समय के साथ यह घटकर अब 17.66% रह गई है (2023-24 के आंकड़े अनुसार)। इसके बावजूद आज भी असंगठित क्षेत्र के 50% से अधिक मजदूर खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं। Labour Day : ई-श्रम पोर्टल से सामने आए आंकड़े
अगस्त 2021 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीकरण किया जा रहा है। 22 अप्रैल 2025 तक इस पोर्टल पर 30.8 करोड़ मजदूरों का पंजीकरण हो चुका है। इनमें से अकेले 16.03 करोड़ मजदूर (52.1%) कृषि क्षेत्र से संबंधित हैं। इसके बाद घरों में काम करने वाले और निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की संख्या सबसे अधिक है, जिनकी हिस्सेदारी लगभग 9-9% है। Labour Day : कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा श्रमिक
2023-24 के आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, सेवा क्षेत्र का जीडीपी में 54.72%, उद्योग क्षेत्र का 27.62%, और कृषि क्षेत्र का 17.66% योगदान रहा। यह आंकड़े साफ़ दिखाते हैं कि भले ही कृषि का आर्थिक योगदान कम हो गया हो, पर मजदूरी और श्रम के मामले में यह अब भी सबसे बड़ा क्षेत्र बना हुआ है। यह भी पढ़े…