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मिनी एसडीजेड योजना में बड़ा खुलासा, 13 आवंटियों पर गहराया संकट – CAG ने बताया 18 हजार करोड़ का नुकसान

Report By : ICN Network

यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-17 में मिनी एसडीजेड योजना से जुड़े 13 आवंटियों की परेशानी एक बार फिर बढ़ सकती है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भूखंडों का आवंटन तय दरों से कम कीमत पर किए जाने से प्राधिकरण को करीब 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट बुधवार को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पेश की गई, जिसके बाद अब शासन से विधिक राय लेने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।

मालूम हो कि यीडा ने वर्ष 2009 में यह योजना शुरू की थी, जिसके अंतर्गत शैक्षणिक गतिविधियों के लिए संस्थानों को 25 से 250 एकड़ तक की भूमि आवंटित की गई थी। लेकिन उस समय के अधिकारियों ने निर्धारित 2670 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर की बजाय सिर्फ 1629 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से प्लॉट आवंटित कर दिए थे, जिससे भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

इससे प्राधिकरण को छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पूर्व चेयरमैन प्रभात कुमार ने इसकी जांच कराई थी। इसके आधार पर अंतर धनराशि ब्याज के साथ जमा कराने के नोटिस जारी हुए थे। आवंटियों ने इसके खिलाफ शासन व न्यायालय में अपील की। इसमें उन्हें राहत मिल गई, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट के बाद बंद हो चुकी फाइल के एक बार फिर खुलने की आशंका है।
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर धनराशि 1041 की बजाए 3842 रुपये प्रति वर्गमीटर है। इससे प्राधिकरण को 18000 करोड़ का नुकसान हुआ है। यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि बाेर्ड ने निर्णय लिया है कि शासन से विधिक राय लेकर इस पर आगे कार्रवाई का फैसला किया जाएगा।
यीडा के सेक्टर 28 में बने मेडिकल डिवाइस पार्क का उद्घाटन जनवरी में होगा। इसके साथ ही तमिलनाडु व मध्य प्रदेश के एमडीपी का भी उद्घाटन होगा। प्रशासनिक ब्लाक तैयार होने के बाद एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फार मेडिकल डिवाइस का कार्यालय इसी माह उसमें शिफ्ट हो जाएगा।
सीईओ ने जानकारी दी है कि मिनी डिफेंस पार्क (MDP) और जापान के बीच एक अहम समझौता हुआ है, जिसके तहत जापान तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। इस योजना के तहत औद्योगिक विकास को गति देने के लिए यमुना प्राधिकरण (YEIDA) ने औद्योगिक भूखंड योजना की अंतिम तिथि को 5 जुलाई तक बढ़ा दिया है।

इसके अलावा, सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, जिसकी जानकारी बोर्ड बैठक में साझा की गई। इस परियोजना पर कुल 485.48 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें यीडा 341 करोड़ और केंद्र सरकार 144.48 करोड़ का योगदान देगी। इस परियोजना के अंतर्गत रेडी बिल्ट फैक्ट्री, कन्वेंशन सेंटर, हॉस्टल, व्यवसायिक केंद्र, कौशल विकास केंद्र तथा 132 केवी का सब स्टेशन भी विकसित किया जाएगा।

वहीं सेक्टर-29 स्थित अपैरल पार्क को लेकर प्राधिकरण सख्त रुख अपना सकता है। पार्क का निरीक्षण चेयरमैन आलोक कुमार बृहस्पतिवार को करेंगे। यहां कुल 81 भूखंड आवंटित किए गए थे, जिनमें से 65 आवंटियों ने लीज प्रक्रिया पूरी कर ली है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अब तक केवल सात भूखंडों पर ही निर्माण कार्य चल रहा है।

प्राधिकरण के अनुसार, पहले 16 आवंटियों को जमीन का कब्जा नहीं मिल पाया था, लेकिन अब वे भूखंड पूरी तरह विकसित कर दिए गए हैं। सीईओ ने कहा कि चेयरमैन के दौरे के बाद अपैरल पार्क में निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।

यमुना प्राधिकरण द्वारा आठ हजार वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के आवंटन में बदलाव किया गया है। अब भूखंड उन्हीं आवेदकों को दिए जाएंगे, जो वास्तुनिष्ठ मानकों के तहत सबसे अधिक अंक अर्जित करेंगे। आवंटन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सीईओ का कहना है कि साक्षात्कार के दौरान मिलने वाले अंक अब अंतिम निर्णय को प्रभावित नहीं करेंगे।

आवेदकों को अंक देने के लिए तय किए गए मानकों में फार्च्यून 500 कंपनियों से जुड़ाव, एफडीआई निवेश, निर्यात गतिविधियाँ और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने जैसे बिंदु शामिल हैं। यानी अब आवंटन पूरी तरह योग्यता आधारित होगा।

यीडा ने सामाजिक कल्याण जैसे अनाथालय और वृद्धाश्रम के लिए लाई गई भूखंड योजना में अहम बदलाव किए हैं। अब इस योजना के तहत आवेदन करने वालों को ‘दर्पण पोर्टल’ पर पंजीकरण या एफसीआरए स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी। योजना को संशोधित कर दोबारा लागू किया जाएगा।

पहले प्राप्त 50 आवेदनों के संबंध में सभी आवेदकों से सहमति ली जाएगी। यदि वे नई योजना में शामिल रहना चाहें तो उनका आवेदन यथावत रहेगा, अन्यथा उसे निरस्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अन्य इच्छुक संस्थाएं भी नए सिरे से आवेदन कर सकेंगी।

यीडा क्षेत्र के सेक्टर 18 और 32 में दो फायर स्टेशन के निर्माण के लिए प्राधिकरण ने एक प्रतीकात्मक दर—सिर्फ एक रुपये प्रति वर्गमीटर—पर जमीन आवंटन को मंज़ूरी दे दी है। दोनों स्थानों पर 7485 वर्गमीटर जमीन आवंटित की जाएगी। सेक्टर 32 एक औद्योगिक क्षेत्र है, जबकि सेक्टर 18 आवासीय क्षेत्र में आता है।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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