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Holi 2023: जानें क्‍यों होता है होलिका दहन, कब है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सब कुछ?

Holi 2023: फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के रूप में मनाई जाती है।इसी के अगले दिन रंगों और पानी वाली होली खेली होती है।इस वर्ष पूर्णिमा दो दिन पड़ने के कारण कई जगहों पर होलिका दहन कल यानी सोमवार को ही की लिया गया है, जबकि कई जगहों पर आज किया जाएगा।

होलिका दहन का मुहूर्त मुख्‍यत 3 चीजों पर निर्भर रहता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत ही कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो, लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना बेहद जरूरी है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन करना शुभ माना जाता है।आइए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, तिथि, महत्व और पूजा विधि।

जानिए होली का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर

भद्रा- 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

जानिए होलिका दहन का महत्व

हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार होलिका दहन का पौराणिक और धार्मिक दोनों ही महत्व है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत को बताता है।इस दिन होलिका दहन से पूर्व विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।लोग अपने अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं,ए अग्नि देवता को धन्यवाद देते हैं। प्रसाद और मिष्‍ठान वितरित किया जाता है।

जानिए पूरी पूजा विधि

ऐसी मान्‍यता है कि इसी दिन भक्‍त प्रहलाद की रक्षा भगवान श्रीहरि विष्‍णु जी ने की थी। इसीलिए होलिका की पूजा से पूर्व भगवान नरसिंह और प्रहलाद का ध्यान करें। इसके बाद होलिका में फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां आदि चढ़ा दें।भोग अर्पित करें, फिर कच्चा सूत लपेटते हुए होलिका के चारों ओर परिवार के साथ मिलकर परिक्रमा की जाती है।होलिका में जल का अर्घ्य दें और सुख-समृद्धि की कामना करें।सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन करें। होलिका दहन के समय अग्नि में कंडे, उबटन, गेहूं की बाली, गन्ना, चावल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही होलिका दहन के अगले दिन होलिका दहन की राख माथे में लगाने के साथ एक-दूजे को होली की शुभकामनाएं दें।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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