Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
RSS प्रमुख मोहन भागवत को गाजीपुर पहुंचे। यहां परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद पर लिखी पुस्तक ‘मेरे पापा परमवीर’ का विमोचन किया। कहा- जानवर और इंसान में फर्क होता है। इंसान दूसरे के लिए जीता है, जानवर अपने लिए।
भागवत ने ‘भारत का मुसलमान’ पुस्तक का भी विमोचन किया। कहा- अब्दुल हमीद देश के लिए जीए। कच्छ के रण में शहीद हो गए। मनुष्य में बलिदान की भावना ही उसे अमर शहीद बनाती है। हाथी अगर साइकिल चलाए, तो ये उसका विकास नहीं है। हाथी सूंड से उठाकर अपने बच्चे की रक्षा करे, ये विकास है।
‘मेरे पापा परमवीर’ पुस्तक रामचंद्रन श्रीनिवासन और ‘भारत का मुसलमान’ कैप्टन मकसूद गाजीपुरी ने लिखी है। कैप्टन मकसूद सेना से रिटायर्ड हैं।
भागवत बनारस में प्रवास के बाद सोमवार सुबह 11 बजे शहीद अब्दुल हमीद के गांव धामूपुर पहुंचे। अब्दुल हमीद की जयंती पर भागवत ने शहीद की प्रतिमा को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। कहा- यहां आते वक्त मैंने मेन गेट पर एक लाइन लिखी देखी।
लिखा था- शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर उनकी कुर्बानी का बाकी निशान होगा। वास्तव में शहीद अमर हो जाते हैं। शहीद का बलिदान महान होता है।
RSS प्रमुख ने आगे कहा- अब्दुल हमीद अपने सीने पर घाव झेलकर कक्ष के रण में शहीद हो गए। इसके बाद वो अपने आप ही इस उत्तम सम्मान के अधिकारी हो गए। उन्होंने अपने किसी स्वार्थ को छोड़कर राष्ट्र के लिए लगाया। यही एक मनुष्य का कर्तव्य है।
मोहन भागवत ने आगे कहा- इंसान और जानवर में यहीं फर्क होता है। जानवर सिर्फ अपनी चिंता करता है। वो चारा खाता है तो जो बचता है फिर उसकी चिंता नहीं करता। लेकिन मनुष्य का स्वभाव है कि वो अपनों के साथ-साथ दूसरों की भी चिंता करता है। अगर मनुष्य कुछ खा रहा है और उसके सामने कोई भूखा आ जाए तो पहले वो उसे खिलाने लगाता है। उसके बाद बचा हुआ खाना खुद खाता है। यही स्वभाव उसे पशु से अलग करता है।इंसान दूसरों के लिए जीता है, यही उसका विकास है। बात पशु की बात करें तो जैसे हाथी साइकिल चलाए तो वो उसका विकास नहीं है, बल्कि वो अपनी हाथी सूंड से अपने बच्चे की रक्षा करे ये उसका विकास है। इंसान में बलिदान की भावना ही उसे अमर शहीद बनाती है।