Image Source : PTI/FILEPolitics : जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। तमाम पार्टियां बैचेन हैं कि, चुनाव कब होगा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आज कहा, चुनाव हमारा हक है, जम्मू-कश्मीर के लोग चुनाव चाहते हैं। लेकिन इसके लिए भीख नहीं मांगेंगे।
श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, उमर ने पूछा: “क्या उन पर (ईसी) चुनाव नहीं कराने का दबाव है? चुनाव आयोग को कुछ साहस दिखाने दें और कहें कि वे दबाव में हैं। कुछ गड़बड़ है।”
उमर ने कहा कि चुनाव आयोग से पूछा जाना चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर में कब चुनाव कराने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि मीडिया को हमसे ज्यादा चुनावों की चिंता है। चुनाव हमारा अधिकार है, लेकिन हम इसके लिए घुटने नहीं टेक रहे हैं। अगर वे जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार छीनना चाहते हैं, अगर उन्हें कुछ खुशी मिलती है।” इसका, उन्हें करने दें। हमारे पास भी कुछ स्वाभिमान और गरिमा है, ”
#WATCH चुनाव हमारा हक है, जम्मू-कश्मीर के लोग चुनाव चाहते हैं। अगर चुनाव आयोग पर कोई दबाव है तो वे कहें कि हम पर दबाव है और हम चुनाव नहीं करवा सकते हैं। हालात ख़राब हो चुके हैं, जी20 का आयोजन कर हालात पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला,… pic.twitter.com/zMT6E6iWEk
जम्मू कश्मीर में मौजूदा वक्त में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। 19 जून 2018 से अभी तक करीब पांच वर्ष होने जा रहे हैं राष्ट्रपति शासन बरकरार है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन पूरा हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव 2014 में हुए थे। उस वक्त BJP-PDP गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई थी। 2018 में भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।