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बीजेपी की समीक्षा बैठकों में हार के बाद हंगामा, सिद्धार्थनगर ने कार्यकर्ता आपस में भिड़े

Report By : Rishabh Singh, ICN Network
लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली करारी हार से भाजपा उबर नहीं पा रही है। समीक्षा बैठकों में आरोप-प्रत्यारोप खुलकर सामने आए। मारपीट तक की स्थिति बन गई। जिस मजबूत संगठन की बात कही जा रही थी, उसमें जिला स्तर पर दरार आ गई।

सबसे ज्यादा भाजपा के सिटिंग विधायक डरे हैं, जिनकी सीटों पर भाजपा की हार हुई। खुले तौर पर वे संदेह के घेरे में आ गए। हारे सांसदों ने समीक्षा बैठक में इसे कोट भी किया।

3 साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन उसके पहले जो संदेह खड़ा हुआ है, उसे मिटाना मुश्किल लग रहा। विधायकों को अभी से टिकट कटने और चुनाव में भितरघात का डर सताने लगा है।

हार-जीत की समीक्षा रिपोर्ट तैयार हो गई है। 22 जून की दोपहर रिपोर्ट लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली पहुंचे। वहां रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दिया। इस दौरान करीब 30 मिनट दोनों के बीच मीटिंग चली। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए भूपेंद्र चौधरी ने टास्क फोर्स टीम बनाई थी। वह खुद भी कई प्रमुख सीटों पर समीक्षा करने पहुंचे थे।

चौधरी ने खुद संगठन के पदाधिकारियों के साथ क्षेत्रवार बैठक कर रिपोर्ट तैयार की थी। टास्क फोर्स को हर लोकसभा और विधानसभा सीट पर हार के कारणों की पड़ताल करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। टास्क फोर्स में 40 टीमें बनाई गई थीं। हर टीम को 2-2 लोकसभा सीटों पर पड़ताल करनी थी। इसकी विस्तृत रिपोर्ट 20 जून को सौंपने को कहा गया था।

जहां वोट कम पड़े, वहां भी हुई समीक्षा खास बात यह है कि भाजपा ने सिर्फ उन सीटों की ही समीक्षा नहीं की, जहां उसे हार मिली है। उन सीटों की भी समीक्षा की गई, जहां उसके उम्मीदवार जीत तो गए, लेकिन वोट पिछले लोकसभा चुनाव से कम मिला।

यूपी में भाजपा को इस बार 33 सीटों पर तो NDA के अन्य सहयोगियों को तीन सीटों पर जीत मिली। 2019 में भाजपा को 62 सीटें मिली थीं।

सिद्धार्थनगर के इटवा में लोकसभा चुनाव की समीक्षा बैठक से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगे। कार्यकर्ताओं के गुटों के बीच कहासुनी हो गई और लात-घूसे भी चले। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को जमकर पीटा। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

यह बैठक इटवा विधानसभा क्षेत्र में होनी थी। काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री सुशील तिवारी और मथुरा जिले के विधायक राजेश चौधरी समीक्षा करने पहुंचे थे। डाकबंगले के अंदर पदाधिकारी बैठे थे और बाहर कार्यकर्ता थे। इसी बीच कुछ लोग आरोप लगाने लगे कि लोकसभा चुनाव में जो लोग साइकिल चला रहे थे, वह क्यों आए हैं।

इस पर बात बहुत बढ़ गई और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। 2 गुटों में बंटे कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। जिलाध्यक्ष को लेकर नारेबाजी शुरू हो गई। इस बीच कार्यकर्ता हाथापाई करने लगे और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान लोगों ने दोनों पक्षों को समझाकर मामले को शांत कराया।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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